हैलो! मैं इरडा से बोल रहा हूं। आप पिछले सप्ताह घोषित एक स्पेशल स्कॉलरशिप प्रोग्राम के लिए चुने गए हैं। आपको एक फॉर्म पर साइन करना होगा और मामूली फीस जमा करानी होगी।
हाय! इरडा (IRDA) ने पाया है कि मौजूदा इंश्योरेंस पॉलिसी से आपको बहुत खराब रिटर्न मिल रहाहै। हम आपको मौजूदा पॉलिसी सरेंडर करने की इजाजत देते हैं और आप दूसरे बढ़िया प्रोडक्ट में शिफ्ट कर सकते हैं। आपको इसके लिए बहुत मामूली फीस जमा करानी होगी। कुछ डॉक्युमेंट भी देने होंगे।
क्या आपके पास भी ऐसे ही फोन-कॉल्स आ रहे हैं?पढ़िए और जानिए कि कैसे इस फर्जीवाड़े के चक्कर में पड़ने से बच सकते हैं आप।
कैसे फंसाते हैं धोखेबाज?
कई इंश्योरेंस पॉलिसीहोल्डर्स को इंश्योरेंस रेगुलेटरी ऐंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (IRDA) के कथित रेप्रेजेंटेटिव की तरफ से इस तरह की फर्जी कॉल आ रही हैं। पिछले कुछ दिनों में ऐसे कॉल्स की संख्या बढ़ी है। इससे इंश्योरेंस रेगुलेटर को पब्लिक अलर्ट जारी करना पड़ा है।
रेगुलेटर ने पॉलिसीहोल्डर्स को कथित इरडा रेप्रेजेंटेटिव के इस तरह की कॉल्स से बचने की सलाह दीहै। रेगुलेटर ने 2010 में भी इस तरह के अलर्ट जारी किए थे। तब ये मामले पहली बार सामने आए थे। इरडा या इसके रेप्रेजेंटेटिव कभी भी इंश्योरेंस पॉलिसी बेचने के लिए इंडिविजुअल से संपर्कनहीं करते हैं।
कई एजेंट टारगेट पूरा करने के लिए कंज्यूमर्स को अट्रैक्ट करने के लिए इस तरह के गलत तरीकों का सहारा लेते हैं। वे खुद को बैंक रिलेशनशिप मैनेजर्स, एजेंसी या इरडा अधिकारी की तरह पेश करते हैं।
कैसे चल रहा है फर्जीवाड़ा
इंश्योरेंस रेगुलेटर के अनुसार, इंडिविजुअल को बताया जाता है कि यह कॉल इरडा रेप्रेजेंटेटिव की है। रेप्रेजेंटेटिव उसे दूसरी इंश्योरेंस कंपनी की तरफ से कई बेनेफिट वाले दूसरे प्रोडक्ट्स ऑफर करते हैं।फ्रॉडस्टर्स लालच देते हैं, वे यह भी कहते हैं कि नई इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ स्कॉलरशिप भी मिलेगी। कुछ फ्रॉडस्टर्स लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी पर 'इंटरेस्ट फ्री लोन' या स्पेशल बोनस ऑफर करते हैं।
इस साल की शुरुआत में ऐसे मामलों को लेकर आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ, एचडीएफसी लाइफ और रिलायंस लाइफ ने इकनॉमिक ऑफेंस विंग से शिकायत की थी।
इन कंपनियों का आरोप था कि कुछ फ्रॉडस्टर्स उनके पॉलिसीहोल्डर्स से मौजूदा कवर को सरेंडर कर दूसरी कंपनी की पॉलिसी में स्विच करने को कह रहे हैं। हमारे सामने भी एक मामला आया था। एक इंडिविजुअल के पास पहले से ही पॉलिसी थी और उनके एजेंट्स की तरफ से उनकी मौजूदा पॉलिसी के खराब रिटर्न होने को लेकर बारबार आते थे। इसके बाद उन एजेंट्स ने उन्हें मौजूदा पॉलिसी सरेंडर करने के बाद नई पॉलिसी खरीदने की सलाह दी थी।'
न पड़ें लालच में
अगर आप लालच में थोड़ी भी चूक कर देते हैं, तो बड़ा फाइनेंशियल लॉस हो सकता है। बैंक एकाउंट डिटेल्स, पिन और पासवर्ड की जानकारी किसी को भी न दें।
पॉलिसीहोल्डर को होना चाहिए जागरूक
पॉलिसीहोल्डर्स को पता होना चाहिए कि उन्हें मौजूदा पॉलिसी सरेंडर करने पर काफी नुकसान होगा।कई इंश्योरेंस कंपनियों में कुछ समय काम कर चुके ब्रोकर्स कस्टमर्स के डेटाबेस हासिल कर लेते हैं। वे कस्टमर्स को झूठे वादे कर लुभाने के लिए ऐसी कॉल करते हैं।
सावधानी बरतें
फ्रॉडस्टर्स किसी इंडिविजुअल को संदेह न हो, इसके लिए ईमेल, एसएमएस और कॉल, सभी तरह की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं। पहले वे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के भ्रम वाली ईमेल भेजकरबैंक डिटेल्स मांगते थे। इस वजह से आरबीआई ने लोगों को सतर्क करना शुरू किया। अब बैंक भी लोगों को इंटरनेट पासवर्ड सहित दूसरे एटीएम पासवर्ड और जानकारियों को सुरक्षित रखने की सलाह दे रहे हैं।
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सिटीजंस एडवाइस ब्यूरो इण्डिया द्वारा जनहित में जारी
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